मै बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं
मैं जंगल का मोर नहीं पर सुंदर नाच दिखाता हूं
मैं झरनों सी उमंग लिए हूं मिठे गीत सुनाता हूं
दुख करने से क्या मिलना जीवन की सच्चाई है
मैं बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं
मैं जंगल का मोर नहीं पर सुंदर नाच दिखाता हूं
मैं झरनों सी उमंग लिए हूं मिठे गीत सुनाता हूं
दुख करने से क्या मिलना जीवन की सच्चाई है
मैं बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं