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6 Mar 2022 · 1 min read

मै ज्ञान का सौदागर हूं

मै ज्ञान का सौदागर हूं,
करता हूं ज्ञान का व्यापार।
इसके प्रतिदिन करने से,
मेरा हो जाता है बेड़ा पार।।

मै छोटा सा कलमकार हूं,
करता हूं कलम की पूजा।
कागज स्याही है मेरी पूंजी,
और काम करता नहीं दूजा।।

मै पुस्तको का बड़ा प्रेमी हूं,
पुस्तके ही मेरी परम मित्र हैं।
इनसे ही मै मित्रता रखता हूं,
ये ही मेरी मस्तिष्क के चित्र है।।

मै करता हूं शब्दो से श्रंगार,
करता हूं कविता का श्रृंगार।
हिन्दी में जो अंग की बिन्दी है,
वही तो कविता की बिन्दी है।।

पुस्तके मेरी ही सहपाठी है,
और जीवन की साथी भी है।
करता हूं मै इनको सदा प्यार,
ये भी मुझको करती हैं प्यार।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 397 Views
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