मै क्यों लिखता हूं
मैं क्यों लिखता हूं
(१)
वीर नवजवानों पर कविता लिखता हूं।
चाहे धुंध कोहरा छाए, या आए बर्फबारी।
दुश्मनों के दांत खट्टे कर,उनका योजना करे नकाम।
ऐसे वीर जवानों का मेरा बारम्बार प्रणाम।
(२)
जब जब आफत आई तब तब लिखता हूं।
चाहे आंधी आए, या आए तूफान।
देश के वीर जवानों ने दे रहे हैं बलिदान।
एक हाथ में ध्वज,एक हाथ में सलाम।
(३)
मेरे वीर सैनिकों की गाथा लिखता हूं।
चाहे उग्रवादी आए, या आए आतंकवादी।
पीछे नहीं हटते हैं,मेरे वीर फौलादी।
ऐ वीर तुझे अपनी बार बार हो सलामी।
**********************************
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
8120587822