*मैले सभी पाए गए (गीत)*
मैले सभी पाए गए (गीत)
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वस्त्र जितने श्वेत थे, मैले सभी पाए गए
1
कर गई घायल पॅंखुरियाँ, पेड़ के काँटे खड़े
खून से लथपथ दिखे, कुछ हाथ लोगों के बड़े
गीत पर्वत पर उमस के,आज फिर गाए गए
2
कौन किसको दोष दे, खारा कुऍं का जल हुआ
रोष से प्यासे पथिक का,बीतता हर पल हुआ
दो घूँट पानी से मलिन, सब देव नहलाए गए
वस्त्र जितने श्वेत थे, मैले सभी पाए गए
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451