🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
*कागज की नाव (बाल कविता)*
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।