मैया की ममता
मैया तेरा नटखट लाला —
किशन द्वारिकाधीश बना
कल तक जिसने मटकी फोडी
आज वही जगदीश बना ।।
कैसा माखन दिया , यशोदा!
राजबुद्धि उसको आयी ।
कैसे पाठ पढ़ाये उसको ।
राजशक्ति उसने पायी ।।
मैया तुम थी जादूगरनी !
हमको तनिक न भान हुआ।
नहीं पता था तेरे आँगन ,
योगी कृष्ण महान हुआ ।।
ममता तेरी पावन – भावन,
जिसका जग में तोल नहीं ।
जगहित में जिसका तुमने तो –
किया कभी भी मोल नहीं ।।
डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली – 47