Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2023 · 1 min read

मैथिली हाइकु कविता (Maithili Haiku Kavita)

प्रकाश (Light)
#daily_writing_challenge

उदित सूर्य
प्रकाशमय पृथ्वी
जीवन रेखा ।

#मैथिली_हाइकु_कविता

विनीत ठाकुर
मिथिला बिहारी नगरपालिका
मिथिलेश्वर मौवाही – ३
धनुषा, नेपाल

Language: Maithili
3 Likes · 1 Comment · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अध्यापिका
अध्यापिका
Shashi Mahajan
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
The Sky...
The Sky...
Divakriti
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
DrLakshman Jha Parimal
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
5 लाइन
5 लाइन
Neeraj Agarwal
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
Ravi Prakash
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
रख अपने वास्ते
रख अपने वास्ते
Chitra Bisht
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
क्या छिपा रहे हो
क्या छिपा रहे हो
Ritu Asooja
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
पूनम दीक्षित
..
..
*प्रणय*
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त
वक्त
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...