Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 2 min read

मैथिली साहित्य मे घोटाला।

मैथिली साहित्य मे घोटाला ।
-आचार्य रामानंद मंडल
मिथिला -मैथिली मे दूटा विद्यापति भेलन। ज्योतिश्वर ठाकुर (१२९०-१३५०) से पूर्व सोलकन नाइ जाति मे विद्यापति भेलन ।वो अपना साहित्य पर विदापत नाचो शुरू कैलन।वो नाच संपूर्ण मिथिला मे लोक शिक्षण करैत रहे। जेकर चर्चा ज्योतिश्वर कैले हतन।दोसर विद्यापति (१३५२-१४४८)ज्योतिश्वर के बाद मे भेलन।जे जाति के बाभन रहलन।वो संस्कृत आ अवहट्ट मे साहित्य रचना कैलन।
परंतु मैथिली साहित्य मे नाइ विद्यापति के कृति के बाभन विद्यापति के कैल जा रहल हय।
एगो दैनिक अखबार मे लेखक प्रवीण नारायण चौधरी लिखैत हतन –
विरोध, निंदा आ आलोचनाक बाबजूद विद्यापति कवि कोकिल, महाकवि, जनकवि बनि गेलाह।लोक हुनकर संदेश के हाथोंहाथ स्वीकार कयलक।अपन सहज -सुंदर मैथिली रचना सभ एतैक जनसुलभ छल जे लोक ओकरा हृदयंगम कय लेलक।जन – जन के कंठ मे अपन देसिल बयना (मातृभाषा) रचनाक कारण पहुंचि गेलाह विद्यापति।हुनकर नचारी,महेसबानी,राधा -बिरह ,नोंक झोंक आदि अनेकों महत्वपूर्ण रचना सं समाज में साहित्यिक धारा एहेन बहल जे विद्यापतिक पदावलि पर नाच परम्परा -विदापत नाच तक प्रचलन मे आबि गेल।
विदित हो कि जनवर्गीय समाज मे एहि विद्यापति नाच के सहारे शिक्षाक समुचित प्रसार होबय लागल मिथिलाक लोक समाज मे।
उल्लेखनीय हय कि ज्योतिश्वर पूर्व से विदापति नाच मे विद्यापति पदावली के नृत्य अभिनय होइत रहे।अइ विद्यापति के बारे मे कश्मीर अभिनव गुप्त (दशम शताब्दी के अंत आ एगारहम शताब्दी के प्रारंभ) -ईश्वर प्रत्याभिज्ञा -विभर्षणी ग्रंथ में लिखल हय।
श्रीधर दास के सदुक्तिकर्णामृत (रचना ११फरबरी १२०६ मध्यकालीन मिथिला लेखक विजय कुमार ठाकुर)
श्रीधर दास विद्यापति के पांचटा पद उद्धृत कैलै हतन जे विद्यापति के पदावली के भासा हय।
जाव न मालती कर परगास तावे न ताहि मधुकर विलास।आ मुंदला मुकुल मकरंद,ज्योतिश्वर (१२७५-१३५०)षष्ठ कल्लोल।अथ विद्यावंत वर्णन।।
अष्टम कल्लोलक।।अथ राज्य वर्णन।।में विदापतके उल्लेख कैले हतन।से विद्यापति ततेक प्रसिद्ध भ गेल रहे जे ज्योतिश्वर तेकर उल्लेख नाचक रूप मे कैलै रहलन।
उपर्युक्त कथन से स्पष्ट हय की विदापति नाच नाइ विद्यापति के हय। परंतु आबि साहित्यिक घोटाला क के बाभन विद्यापति के कृति बनायल आ बताओल जा रहल हय।
हालांकि कुछ लोग एके विद्यापति के नाइ त कुछ लोग बाभन बतबैत हय। परंतु उपर्युक्त तथ्य के आधार पर दूटा विद्यापति भेलन।एगो नाइ आ एगो बाभन। परंतु मैथिली साहित्य मे विद्यापति के लेके घोटाला कैल गेल हय।
वर्तमान भौगोलिक स्थिति में जैइ बिस्डीफी डीह के बाभन विद्यापति के जन्म स्थान बतायल जाइ हय वोकर पांच वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाभन बस्ती न हय। परंतु नाइ बहुल हय। बाभन विद्यापति के जन्म अन्य क्षेत्र में भेल रहे।बिस्फी डीह मे बाभन महाकवि विद्यापति समारोह न मनायल जाइत हय।अइ प्रकार मैथिली साहित्य मे घोटाला हय।

-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

Language: Maithili
Tag: लेख
2 Likes · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3698.💐 *पूर्णिका* 💐
3698.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
उधार ....
उधार ....
sushil sarna
*घटते प्रतिदिन जा रहे, जीवन के दिन-रात (कुंडलिया)*
*घटते प्रतिदिन जा रहे, जीवन के दिन-रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्य
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्य
Shashi kala vyas
धर्म के नाम पे लोग यहां
धर्म के नाम पे लोग यहां
Mahesh Tiwari 'Ayan'
प्रेम🕊️
प्रेम🕊️
Vivek Mishra
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
..
..
*प्रणय*
बढ़ती वय का प्रेम
बढ़ती वय का प्रेम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अल्फाज़
अल्फाज़
Shweta Soni
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
संसार एक जाल
संसार एक जाल
Mukesh Kumar Sonkar
जो दिमाग़ तुमसे करवाना चाहता है वो तुम दिल से कर नहीं पाओगे,
जो दिमाग़ तुमसे करवाना चाहता है वो तुम दिल से कर नहीं पाओगे,
Ravi Betulwala
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
Harminder Kaur
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
क्या ख़रीदोगे
क्या ख़रीदोगे
पूर्वार्थ
बोलो क्या लफड़ा है
बोलो क्या लफड़ा है
gurudeenverma198
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मनोज कर्ण
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
डॉ. शिव लहरी
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
Neelofar Khan
इश्क़ मत करना ...
इश्क़ मत करना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
Manoj Mahato
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
Loading...