मैथिली मे रचना चोरी के विकट समस्या आ समाधान
मैथिली मे रचना चोरी के विकट समस्या आ समाधान.
मिथिला मैथिली स जुड़ल लोक सब एक नम्बर धूर्त,दलाल आ रचना चोर प्रवृति के होइए. इ कटु सत्य स्वीकारह पड़त. कुकृत्य क अहाँ सब कते दिन चोरनुकबा खेला खेलैत अप्पन कुकृत्यक झांप तोप करैत रहब?
जसौती कमेबा दुआरे अहाँ मिथिला मैथिली के आयोजक प्रकाशक सलाहकार आदी बनल साहित्य अकादमी वला पुरूस्कारी आयोजनी वेबिनार मलाई खा ढेकरैत फिरै जाई छी से कते दिन छजत? पब्लिक अहाँ के कुकृत्य बुझि गेल यै आ कतेको बेर अोई साहित्यिक दलाल सबहक देखार चिन्हार भेल. तइयो लाजे कथिक निरलज्ज भेल चुपेचाप रचना चोरी क जसौती कमाई लै सबटा अपकर्म कुकर्म करैत रहै जाउ. धूर छिया.
रचना चोरी समस्या के कारण:-
1. मैथिली के अधिकांश पत्र पत्रिका साहित्यिक गिरोहक अधिन त्रैमासिक छमाही द्वैमासिक रूपे बहराइत रहलै. जेकर पब्लिक तक कोनो पहुँच नै रहलै.
2. कोनो नीक रचना के चोरा के अपना नामे प्रकाशित क लेब. रचना पठौनिहार वा पब्लिक तक नै पत्रिका पहुँचै देबै आ नै रचना चोरी के दोख लागत.
3. रचना पठौनिहार के कोनो माध्यम स सूचित नै करब जे ओक्कर रचना प्राप्त भेलै प्रकाशित अप्रकाशित? आखिर की भेलै?
4. कोनो अपरिचित वा आन गिरोहक वा स्वतंत्र लेखक के मौलिक रचना के सद्य: वा की पैरोडी तोइड़ मरोईड़ के अपना नामे प्रकाशित करबाक ठकहर प्रवृति.
5. रचना चोर के देखार भेला पर ओकर सामूहिक प्रयास नै क ओई चोरबा चोरनी के गैंगवार बचेबाक प्रयास आ कुकृत्यक झांप तोप क मैथिली मे अहिना होइत एलैए वला राग अलापब.
6. काॅपीराईट अधिनियम के जानकारी नै राखब वा संपदाकीय मनमाना फार्मूला पर चलब. जे के की हमरा कए लेत?
7. रचना चोरी सिद्ध भेलाक बादो ओई रचना चोर सबके मंच देब आ अप्पन गिरोहबादी ठेकदारी के फिराक मे रहब.
समाधान:-
1. रचना चोरी करनिहार पुरूष स्त्री जे कोई होऊ तेकर साहित्यिक बहिष्कार आ काॅपीराईट अधिनियम के दुआरा ठोस जुर्माना लगेबाक चाही.
2. रचनाकार के अहि बात के सूचना मेल वा लिखित वाट्सएप माध्यमे सूचना अबस्से दी जे ओकर रचना प्राप्त भेलै तकरा बाद प्रकाशित अप्रकाशित की भेलै.
3. काॅपीराईट अधिनियम के मानब आ जानकारी राखि निष्पक्ष प्रकाशक संपादक व्यवस्था के मजबूती स लागू करब.
4. अहाँ संपादक प्रकाशक के धर्म निरवाह करैत रचना मौलिकता के जाँच वा मौलिक रचना संग छेड़छाड़ करबाक प्रयास अबस्से करी.
5. मौलिक रचना प्रकाशन लेखन प्रोत्साहन दिस सामूहिक प्रयास मे भागिदार बनि रचना चोरी के रोकै मे सहयोग अबस्से करी.
आलेख- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)