Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2023 · 1 min read

मैकदे को जाता हूँ,

मैकदे को जाता हूँ,
जाम भी लगाता हूँ।
शौक अभी बाकी है,
तराने सुर में गाता हूँ।

सतीश सृजन

2 Likes · 399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
काश! मेरे पंख होते
काश! मेरे पंख होते
Adha Deshwal
*बाल गीत (सपना)*
*बाल गीत (सपना)*
Rituraj shivem verma
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा-
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा- "जानते हो, मेरा बैंक कौन है...?"
*प्रणय प्रभात*
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*मनकहताआगेचल*
*मनकहताआगेचल*
Dr. Priya Gupta
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
Surinder blackpen
"दुर्भाग्य"
Dr. Kishan tandon kranti
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
अंजान बनकर चल दिए
अंजान बनकर चल दिए
VINOD CHAUHAN
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Enchanting Bond
Enchanting Bond
Vedha Singh
हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
Keshav kishor Kumar
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
पूर्वार्थ
उफ्फ्फ
उफ्फ्फ
Atul "Krishn"
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
Phool gufran
कभी कभी चाहती हूँ
कभी कभी चाहती हूँ
ruby kumari
पत्रकार की कलम देख डरे
पत्रकार की कलम देख डरे
Neeraj Mishra " नीर "
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"कुछ अनकही"
Ekta chitrangini
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*ए फॉर एप्पल (लघुकथा)*
*ए फॉर एप्पल (लघुकथा)*
Ravi Prakash
3196.*पूर्णिका*
3196.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
Loading...