मैं
दहकती आग की ज्वाला हू मैं
बहते पानी की धारा हूं मैं
तपती धूप की रोशनी हूं मैं
गहरे पेड़ की छाया हूं मैं
आखों से बहते अश्क का कतरा हूं मैं
लबों पर आती मुस्कान हूं मैं
गुस्से में बढने वाला ताप हूं मैं
समझदारी की मिसाल हूं मैं
रात को जो आए वो ख्वाब हूं मैं
टूटे दिल की दास्तां हूं मैं
अधूरी कहानी का पूरा हिस्सा हूं मैं
प्यार की गहरी खाई हूं मैं
जीने के लिए जरूरी हिस्सा हूं मैं
हर पल चलने वाली सांस हूं मैं
हवा सा अनदेखा अहसास हूं मैं
धड़कते दिल की आवाज”कोमल” हुं मैं
Komal Swami”दिल की आवाज”
From
Jaipur