मैं हूं ना
दोस्तों,
हमेशा ऐसे लोगों को तलाशिए जो आपको गिरने पर उठाना जानते हो, हमेशा आपको उत्साहित करते हों, क्योंकि ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि विजेता का साथ तो सारी दुनिया, दोस्त, नाते-रिश्तेदार,और उसके कार्य क्षेत्र के साथी, यादि सभी देते हैं। पर जिदंगी में ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं जो आपकी पराजय पर आपका साथ दें, आपके कठिन और मुश्किल दौर में आपका साथ निभायें, एक ऐसे साथी की हमेशा आवश्यकता महसूस होती है जो आपके हारने के बाद भी आपको कस कर गले (Hug) लगाए और कहे कि मैं हूं ना…।।।
सच मानिए दोस्तों आपका ऐसा दोस्त सच में सच्चा साथी है, जो आपकी पराजय में भी आपके अंदर के डर, दर्द को महसूस करता है और आपको हौसला देकर दूर करना चाहता है, ऐसे लोगों को अपने दिल के कोने में एक खास मुकाम दीजिए।
ये हौसले भरे तीन शब्द आपके मन के अंदर हौसलों का संचार पैदा करने के लिए एक चमत्कार करेंगे। “मैं हूं ना” शब्द आपके अंदर रक्त में एक जोश और हौसलों का संचार भर देगा, और ऐसा करने वाले लोग बहुत कम (रेअर) होते हैं दिल में बसा के रखिए ऐसे लोगों को। यारो असफलता के समय आंसू पोछने वाली एक ऊँगली उन दस उँगलियों से अधिक महत्वपूर्ण है, जो सफलता के समय एक साथ ताली बजाती है।
कभी कभी हज़ार तसल्लियों,
लाख दिलासों से बढ़ कर
सिर्फ 3 लफ्ज़ हौसला देते हैं..
जब कोई अपना समझ कर कहता है,
“मैं हूं ना”
सुनील माहेश्वरी, दिल्ली