Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2022 · 1 min read

“मैं हूँ तुम्हारे पास ही “

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
==============
आवाज देने की
बस यूँ देर है
मैं दौड़ कर
पास आता रहूँगा !
मुझे ढूँढने की
कोई बात नहीं
जहाँ चाहो
वहीं पहुँचता रहूँगा !!
तुम्हारे इर्द -गिर्द
ही रहता हूँ
तुम्हारी धड़कनों
को सुनता हूँ !
तुम्हें मालूम
शायद हो ना हो
तुम्हारे दिल में
ही तो रहता हूँ !!
अकेले तुम ना
समझो राह में
मैं साथ तुम्हारे
चलता रहूँगा !
मुझे ढूँढने की
कोई बात नहीं
जहाँ चाहो वहीं
पहुँचता रहूँगा !!
तुम्हारी प्यार
की बातें अभी
तक कानों मे
मेरे गूँजती है !
तुम्हारी मधुर
किलकारियाँ
अभी तक जह्न
में घूमती है !!
तुम्हारे पास ही
हूँ अब तलक
एहसास मैं
सदा करता रहूँगा !
मुझे ढूँढने की
कोई बात नहीं
जहाँ चाहो वहीं
पहुँचता रहूँगा !!
दूरियाँ कुछ भी
नहीं अब रही
जब जी करे
दीदार हो जाएगा !
मधुर प्यार के
सौगात का ही
आभास सुंदर
मिल ही जाएगा !!
फिर भी तुम
मुझे याद करना
मैं दौड़ कर
पास आता रहूँगा !
मुझे ढूँढने की
कोई बात नहीं
जहाँ चाहो वहीं
पहुँचता रहूँगा !!
===================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
26.02.2022.

Language: Hindi
1 Like · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#आज_का_संदेश
#आज_का_संदेश
*प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
2663.*पूर्णिका*
2663.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुसलसल ईमान-
मुसलसल ईमान-
Bodhisatva kastooriya
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
पूर्वार्थ
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
gurudeenverma198
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Ram Krishan Rastogi
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
आंख से गिरे हुए आंसू,
आंख से गिरे हुए आंसू,
नेताम आर सी
जाते निर्धन भी धनी, जग से साहूकार (कुंडलियां)
जाते निर्धन भी धनी, जग से साहूकार (कुंडलियां)
Ravi Prakash
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब सांझ ढल चुकी है तो क्यूं ना रात हो
जब सांझ ढल चुकी है तो क्यूं ना रात हो
Ravi Ghayal
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
RKASHA BANDHAN
RKASHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
कवि रमेशराज
"प्यार में तेरे "
Pushpraj Anant
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...