मैं ही मैं
कोरोना ने
‘मैं’ को
नए सिरे से परिभाषित कर दिया है.
‘मैं’ ही कारक
‘मैं’ ही हन्ता
और ‘मैं’ ही नियंता को
स्थापित कर दिया है
नेपथ्य में बैठा
कोरोना परिवार का यह नया सदस्य.
‘मैं’, ‘मैं’ और केवल ‘मैं’
एकान्त के सन्नाटे को
महसूस करेगा.
और ‘मैं’ बनने की दौड़ के लिए
दण्डित भी
यही,
‘मैं’ ही होगा.
और अंततः
भय के पसरे साम्राज्य को,
‘मैं’ ही तोड़ेगा,
अस्तु,
उठो ‘मैं’
सजग हो,
तोड़ो इस ‘मैं’
के कारा को.
( 24.03.2020 )