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21 Jan 2022 · 1 min read

मैं सुगंध हूँ

एक गीत…!

* मैं सुगन्ध हूँ *

मैं सुगन्ध के झोंके जैसा ,
महक रहा हूँ गुलशन में ।
बसा हुआ हूँ मैं पुष्पों में ,
खिलती कलियों के मन में ।।

कैसे आया मैं फूलों में
इसका मुझको ज्ञान नहीं ,
महकाता केवल दुनियाँ को
और न जाता ध्यान कहीं ,
मैं बचपन के भीतर चहकूँ
दहकूँ उफने यौवन में ।….

भोर हुए नवजीवन पाता
साँझ ढले मुरझाता हूँ ,
झरता है जब पुष्प डाल से
कहाँ किधर खो जाता हूँ ,
रंगों से क्या लेना मुझको
देना सीखा जीवन में ।…..

मेरे रूप हजारों महकें
विदुर गुणी इन्सानों में ,
नहीं भूलकर रह पाता हूँ
हैवानों शैतानों में ,
पाँखुरियों में घर है मेरा
नहीं मिलूंगा कंचन में ।….

मुझसे प्यार करो तो आओ
अपना मुझे बना लेना ,
थोड़ी देकर जगह मुझे तुम
अपने हृदय बसा देना ,
महका दूंगा अंतर्मन को
गंध उठे ज्यों चन्दन में ।…

महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 286 Views
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