मैं सीता नहीं बनूंगी
सीता नहीं बनूंगी
हां ये तय है,
मैं सीता नहीं बनूंगी,
राम को मन में धारूंगी,
पर अग्नि परीक्षा में,
चरित्र का प्रमाण देने,
स्वयं को होम नहीं करूंगी,
हां ये तय है….
अपने राजधर्म की खातिर,
पति धर्म त्याग देता जो,
उसको परमेश्वर कहकर,
उसका पूजन नहीं करूंगी,
अपने सतीत्व की पुनः परीक्षा,
का प्रतिकार करूंगी,
मैं साथ चली थी राम तुम्हारे,
तो संग तुम्हें भी चलना होगा,
मैं खुद को त्यागा जाना,
ना स्वीकार करूंगी,
हां ये तय है,
मैं सीता नहीं बनूंगी।