मैं मुस्कुरा दिया
इस तरह मैंने ग़म को हरा दिया
हाल जो भी रहा मैं मुस्कुरा दिया
ज़िन्दगी के सफर में ठोकरें लाज़िमी हैं
ठोकरों ने मुझे चलना सिखा दिया
उसने पूछा मुझसे चांद कैसा होता है
मैंने उसको बस आईना दिखा दिया
मैं ये नहीं पूछता तुम क्यूं हुए बेवफा
ये बता किस तरकीब से मुझे भूला दिया