मैं मुश्किलों के आगे कम नहीं टिकता
मैं मुश्किलों के आगे कम नहीं टिकता
जैसे हौसलों के आगे गम नहीं टिकता
दिया है जख्म लोगों ने भरोसे तोड़कर सारे ,
के मर हम दर्द से जाएँ मगर मरहम नहीं टिकता
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं मुश्किलों के आगे कम नहीं टिकता
जैसे हौसलों के आगे गम नहीं टिकता
दिया है जख्म लोगों ने भरोसे तोड़कर सारे ,
के मर हम दर्द से जाएँ मगर मरहम नहीं टिकता
-सिद्धार्थ गोरखपुरी