मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
अपने हाथ में कलम कंधे पे बस्ता रखता हूँ
रोज ही आते हैं गम रुलाने को मुझे
फिर भी मैं लबों पे हँसी मुस्कुराता चेहरा रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
अपने हाथ में कलम कंधे पे बस्ता रखता हूँ
रोज ही आते हैं गम रुलाने को मुझे
फिर भी मैं लबों पे हँसी मुस्कुराता चेहरा रखता हूँ