मैं भी कृष्ण
मेरे विरह को जाने जमाना
वेदना को क्यों तु जाने ना
मैनें प्रीत लगाई मिरा सी
राधा मुझें क्यों मानें ना
मैं यगाना नहीं हुँ के
तेरे प्रेम का किनारा हो जाऊं
तकमील कर दे मुझें
तेरे प्रेम का सहारा हो जाऊं
रंग दे मुझें तेरे रंग में ऐसे
रंग दे मुझें तेरे रंग में ऐसे
जब भी देखुँ खुद को आइने में
मैं भी कृष्ण हो जाऊं
मैं भी कृष्ण हो जाऊं।