Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

मैं भारत हूं

मैं भारत हूं
ऐसी भावना प्रत्येक नागरिक के ह्रदय में होनी चाहिए इस देश में रहने बाले प्रत्येक व्यक्ति को देश की अखंडता संप्रभुता को बनाए रखना चाहिए जैसे वह अपने घर द्वार खेती और बच्चों की रक्षा सुरक्षा की देखरेख करता है उसी प्रकार हमें हमारे अपने देश ने हमें संरक्षण दिया है उसकी सेवा भावना सद्भावना को अमूर्त पूर्ण रूप से कर्म मन वचन से इस देश के लिए कुछ करना मानव समाज के लिए करना ,समाज की सेवा भारत मां की सच्ची सेवा है देश के साथ कभी कोई गद्दारी नहीं करना चाहिए यह गीत सुनने के बाद मैं तो बहुत ही भावुक हो गया था क्योंकि जिस देश के वीर जवानों के कारण आज हम स्वतंत्र अपने घरों में बैठे हैं बो उन वीर जवानों के कारण ही यह संभव हो पा रहा है और यही लोकतंत्र की मजबूत ताकत है
वंदे मातरम
जय हिंद…✍️💯🧑‍⚖️⚘️🌿🌾

2 Likes · 367 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Seema gupta,Alwar
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
कवि दीपक बवेजा
सबला
सबला
Rajesh
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
04/05/2024
04/05/2024
Satyaveer vaishnav
अन्तस के हर घाव का,
अन्तस के हर घाव का,
sushil sarna
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
Sonam Puneet Dubey
"" *सौगात* ""
सुनीलानंद महंत
"अहम का वहम"
Dr. Kishan tandon kranti
जगतजननी माँ दुर्गा
जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय*
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
दोहा __
दोहा __
Neelofar Khan
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
चाँद...... एक खूबसूरती
चाँद...... एक खूबसूरती
Neeraj Agarwal
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
देवदूत
देवदूत
Shashi Mahajan
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...