मैं बादल हूँ
मैं बादल हूं ,तुम मेरी सरिता।
मैं शायर हूं ,तुम मेरी कविता ।
तुम खुदा हो ,सबसे जुदा हो।
तुम मेरे कुरान, तुम्हीं मेरे गीता ।।
तेरी सूरत है ,मेरी आंखों में ।
तेरी सौरभ है ,इन सांसो में ।।
कैसे जी पाऊंगा , मैं तुम बिन,
तेरा जिक्र है सदा,मेरे लबों में ।।
तुम मेरे सहारा, तुम मेरे गुजारा।
हारे बहुत पर, जीवन में तुझे जीता ।।
मैं बादल हूं, तुम मेरी सरिता।
मैं शायर हूं ,तुम मेरी कविता ।