मैं फिर आऊँगा
क्या सोचते हो तुम
मैं यूँ ही चला जाऊँगा
जा रहा हूँ आज मगर
देख लेना मैं फिर आऊँगा
पहचान लेना तुम मुझे
मैं किसी भी रूप में आऊँगा
बनकर फूल किसी बाग में
तेरे बालों का गजरा बन जाऊँगा
तेरे पास रहने की ख़्वाहिश है
उसे यक़ीनन पूरा कर जाऊँगा
नहीं जाऊँगा तुझको छोड़कर
जब मैं लौटकर वापिस आऊंगा
तू कहीं भी होगी इस जहान में
तुझे तो मैं तेरी महक से पहचान जाऊँगा
बनकर हवा का झोंका फिर मैं
आकर दिल में, तेरी साँसों में बस जाऊँगा
इन्तज़ार करना तुम मेरा
तुम्हें ज़्यादा इन्तज़ार नहीं करवाऊँगा
करते ही पूरा ये मौत का सफ़र
सूरज की किरणों पर सवार होकर आऊँगा
बस रोना नहीं तुम कभी
तुम्हारी आँखों में अश्क़ न देख पाऊँगा
है मेरा ये वादा तुमसे
जल्द ही लौटकर मैं फिर आऊँगा
सपने दिखाए है जो तुमने
मिलकर साथ तेरे उन्हें पूरा करूँगा
कह तो रहा हूँ मैं तुमसे यार
मैं तेरे साथ ही जिऊँगा और मरूँगा
जबतक तू मुझसे दूर रहेगा
जानता हूँ, मैं कभी चैन से न रह पाऊँगा
देख पाएगा नहीं तू भी बेचैन मुझे
है मेरा वादा, मैं लौटकर फिर आऊँगा ।