*मैं* प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
रिश्ता अब दो नावों में सवार हो गया।।
मुझको एक नजर में तु कबूल हो गया।
लगता जीवन कॉंटो भरा बबूल हो गया।।
नंगे पाव चलने को में लाचार हो गया।
मानो रिश्ता हमारा खट्टा अचार हो गया।।
मेरा जीवन तेरा भी कसूर वार हो गया।
मानो यह तो दो धारी तलवार हो गया।।
हमारा हर शब्द अब तो हथियार हो गया।
फिर एक तीर मेरे दिल के पार हो गया।।
मुझको भी तुम से फिर प्यार हो गया।
प्यार से जीवन हमारा असरदार हो गया।।
लीलाधर से रेणु का अनिल हो गया
अनिल चौबिसा
9829246588