Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2020 · 1 min read

मैं निर्भया हूं, निर्भय होकर वार करुंगी!!

मैं बेटी हूं भारत मां की,
मुझे जाति-धर्म में ना बांटो तुम,
मैं जननी बन कर,
जन्म देती हूं,
मुझे खांचों में ना बांधों तुम!

मैं ही मां हूं,
बहन भी मैं हूं,
मैं ही बेटी बन कर आती हूं,
क्यों मुझमें तुम भेद हो करते,
मैं ही तो हर रंग में समाई हूं!

मुझसे ही तुम कन्या पूजन करवाते,
मेरे ही हाथों से राखी बंधवाते,
मेरे संग ही डोली सजवाते,
मुझसे ही तुम संतति को पाते,
मुझमें ही तुम माता की ममता को आते,
तो फिर क्यों मुझको इस तरह तड़पाते,
आते-जाते घूरते जाते,
हम इससे अपने को असुरक्षित हैं पाते!

तो सुन लो अब हमारी बात,
इस कदर ना छेड़ो हमारे जज्बात,
बहुत सह लिया हमने यह रक्त पात,
अब हम इसका प्रतिकार करेंगे,
ऐसे जुल्मियों पर प्रतिघात करेंगे,
अब तक हमको अबला है माना,
पर अब हमने निर्भया बनना है ठाना,
निर्भय होकर वार करेंगी,
अब हम चंडी का रूप धरेंगी,
ना अब सहेंगी,
ना अब यूं ही मरेंगी,
मार-पीट कर सीधा करेंगी।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Anil "Aadarsh"
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neeraj Agarwal
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
सुन्दर सलोनी
सुन्दर सलोनी
जय लगन कुमार हैप्पी
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
परोपकार
परोपकार
Raju Gajbhiye
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
Ranjeet kumar patre
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
गज़ल (इंसानियत)
गज़ल (इंसानियत)
umesh mehra
संतोष
संतोष
Manju Singh
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Dr Parveen Thakur
अरदास मेरी वो
अरदास मेरी वो
Mamta Rani
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
सत्य को अपना बना लो,
सत्य को अपना बना लो,
Buddha Prakash
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
3141.*पूर्णिका*
3141.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
श्रीराम किसको चाहिए..?
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...