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20 May 2024 · 1 min read

मैं नारी हूँ

शीर्षक -मैं नारी हूँ

मैं जगदम्बा,
मैं ही अम्बा,
मैं अन्नपूर्णा,
मैं सृजनहार हूँ।

मैं हूँ जननी,
मैं हूँ जीवन ,
मैं ही पालक,
मैं ही जीवन का आधार हूँ।

मैं ही अबला,
मैं ही सबला,
मैं ही शक्ति,
मैं ही संहार हूँ।।

मैं ही माता,
मैं ही पत्नी,
मैं ही पुत्री,
मैं ही बहन हूँ।।

मुझमें सौंदर्य,
मुझमें शक्ति,
मुझमें भक्ति,
मैं ही सुकुमार्य हूँ।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप
अंतराष्ट्रीय लेखिका

9 Likes · 2 Comments · 79 Views
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