Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2019 · 1 min read

मैं नही

जो दिल में रहता है मेरा

उसके दिल में मैं नही।

मैं तो फकीरी में ही थी

बस मेरी झोली में वो नही।

उसके हरअसरार में मैं हूँ

बस उसके इसरार में मैं नही।

मैं बस मुझ में ही हूँ पुर्दिल

तुझ में तो कहीं भी मैं नही।

जीतने की धुन नही है मुझ में

बस तुम्हें हारने में मैं कहीं नही।

चलते रहने का हौसला तो है

थक के बैठने के हक में मैं नही !

…सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक – आज के रिश्ते
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गिलोटिन
गिलोटिन
Dr. Kishan tandon kranti
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
One-sided love
One-sided love
Bidyadhar Mantry
G
G
*प्रणय*
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
भ्रातत्व
भ्रातत्व
Dinesh Kumar Gangwar
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
होना नहीं अधीर
होना नहीं अधीर
surenderpal vaidya
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
Ravi Prakash
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
अमित
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
4860.*पूर्णिका*
4860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
सत्य कुमार प्रेमी
इनपे विश्वास मत कर तू
इनपे विश्वास मत कर तू
gurudeenverma198
रमेशराज के दस हाइकु गीत
रमेशराज के दस हाइकु गीत
कवि रमेशराज
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
तेरी चेहरा जब याद आती है तो मन ही मन मैं मुस्कुराने लगता।🥀🌹
तेरी चेहरा जब याद आती है तो मन ही मन मैं मुस्कुराने लगता।🥀🌹
जय लगन कुमार हैप्पी
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
महालय।
महालय।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
मन मेरा दर्पण
मन मेरा दर्पण
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
Loading...