Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

मैं नहीं मधु का उपासक

मैं नहीं मधु का उपासक, है गरल से प्रेम मुझको !

कीर्ति,सुख,ऐश्वर्य,धनबल, बाहुबल और बुद्धि बंचित,
सम्पदा से हीन हूँ मैं, फिर मुझे क्यों दम्भ होगा ?
सत्य शिव का मैं पुजारी, मैं नहीं याचक बनूँगा,
नहिं जगत से बैर मेरा, स्वाभिमानी ढंग होगा !
शुद्ध मति के प्रेम से ही जगत का कल्याण होगा,
छल-कपट से दूर हूँ मैं, है सरल से प्रेम मुझको,
मैं नहीं मधु का उपासक, है गरल से प्रेम मुझको !!

वेदना के नवल कारक नित खड़े प्रतिबिम्ब जैसे,
द्वेष से अनभिज्ञ- संस्कृति से यही शिक्षा मिली है !
जो विधाता ने दिया वह फल मुझे पर्याप्त है सब,
पद, प्रतिष्ठा, पारितोषिक की कहाँ इच्छा पली है?
स्वाभिमानी हो सदा विचरण करें पावन धरा पर,
युक्ति है गतिशील फिर भी, है अचल से प्रेम मुझको,
मैं नहीं मधु का उपासक, है गरल से प्रेम मुझको !!

अल्पता में ही सफल होते रहे हैं शिष्टजन सब,
देव निर्मित इस धरा में, मधुप भी मकरंद भी हैं!
सूर ने तो बिन नयन के देव के दर्शन किये हैं,
ध्यान से देखें तनिक तो, गीत भी हैं, छंद भी हैं !
राह चलते मुझे भी अगणित मिले हैं अडिग भूधर,
किन्तु बहती जान्हवी के, शुद्ध जल से प्रेम मुझको,
मैं नहीं मधु का उपासक, है गरल से प्रेम मुझको !!

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
3 Likes · 8 Comments · 357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नवीन जोशी 'नवल'
View all
You may also like:
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
द्वितीय ब्रह्मचारिणी
द्वितीय ब्रह्मचारिणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मजबूत इरादे मुश्किल चुनौतियों से भी जीत जाते हैं।।
मजबूत इरादे मुश्किल चुनौतियों से भी जीत जाते हैं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
3222.*पूर्णिका*
3222.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शक्ति साधना सब करें
शक्ति साधना सब करें
surenderpal vaidya
होली के रंग
होली के रंग
Anju ( Ojhal )
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
पर्यावरण
पर्यावरण
नवीन जोशी 'नवल'
एक नज़्म - बे - क़ायदा
एक नज़्म - बे - क़ायदा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" मैं सिंह की दहाड़ हूँ। "
Saransh Singh 'Priyam'
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
संविधान  की बात करो सब केवल इतनी मर्जी  है।
संविधान की बात करो सब केवल इतनी मर्जी है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
AJAY AMITABH SUMAN
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
■ हास्यप्रदV सच
■ हास्यप्रदV सच
*Author प्रणय प्रभात*
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
मुस्कानों की परिभाषाएँ
मुस्कानों की परिभाषाएँ
Shyam Tiwari
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
तुम पर क्या लिखूँ ...
तुम पर क्या लिखूँ ...
Harminder Kaur
मां
मां
goutam shaw
Loading...