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27 Aug 2023 · 1 min read

मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !

तू नहीं, मैं नहीं
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं
तू कहीं, मैं कहीं
मैं मिटू , तू ख़ुश रहीं
मैं ना रहीं, तेरे दिल में कहीं
तू रूह-सी , मैं रूह में मचलती कहीं
मैं इंतज़ार करा , तू वक़्त नहीं
मैं नयन-नीर, तू उपहास करी
तू दौलत बिकीं , मैं प्रेम रखीं
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !

The_dk_poetry

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