मैं देर करती नहीं……… देर हो जाती है।
मै एक कामकाजी महिला…….
सुबह थोड़ी देर से आंख खुली तो न जाने कौन सा अपराध हो गया …..
बच्चों और पति के टिफिन में सैंडविच बना दिया …
सास,ससुर जी के लिए कुछ हल्का दे दिया ..तो कौन सा अपराध हो गया..
बिना कुछ नाश्ते किये ..
भागते भागते ऑफिस पहुँची…
वह भी लेट..
सभी की निगाहें सिर्फ घूरती …
और कटाक्ष करते ..
ओ हो मैडम आ गए…
दबी दबी हँसी..
सभी को खुश करती …मैं
मुसकराहट फैलाती अपना काम करती …
सभी के जाने के बाद घर जाती..
फिर भी लेट लतीफ कहलाती।
क्या कभी कोई समझ पायेगा कि मेरा लेट आना अपराध नहीं.. मजबूरी हैं।
मैं एक कामकाजी महिला…
सभी को नाखुश करती…
मुस्कराती आगे बढ़ती..
कभी बच्चो के ताने..
तो कभी सास ससुर के
तो ऑफिस में बॉस की बाते..
मैं एक कामकाजी महिला………..💐😊😊😊😊😊😊