मैं तो लिखूंगा
मैं तो लिखूंगा
तू अपना अभिमान दिखा
मैं अपना स्वाभिमान लिखूंगा
तू कोशिश करेगा हराने का
मैं विजय का शिखर लिखूंगा
मैं तो लिखूंगा
तुम झूठ बोलना
मैं सच्चाई लिखूंगा
तुम बुराई करना
मैं अच्छाई लिखूंगा
तुम कर लेना झूठ-फरेब और षड्यंत्र
मैं प्रतिउत्तर में तबाही लिखूंगा
मैं तो लिखूंगा
तुम धुर्तई के पींगे पढ़ना
मैं मसलो पे लिखूंगा
तुम झूठी जयकार करना
मैं कटाक्ष लिखूंगा
तुम राजनीति करना
मैं जवाब लिखूंगा
तुम फरेब करते रहना
मैं फर्ज पे लिखूंगा
मैं तो लिखूंगा
मेरी कलम मेरी ताकत है
जो कभी तारीखों की गुलाम नही होगी
मगरूर को कभी मेरी सलाम नही होगी
तुम कह लो जो कहना है
तुम जैसो के कहने पर मेरी कलम कभी बदनाम नही होगी
मैं तो लिखूंगा
अभी तो ये शुरुआत है
मैं पूरी किताब लिखूंगा
तेरे एक एक झूठ-फरेब का
मैं तबियत से हिसाब लिखूंगा
अपनी कलम में सच्चाई भर के
मैं तेरे लिए मुँह तोड़ जवाब लिखूंगा
तू जो समझता है नामुमकिन
मैं हर वो यथार्थ लिखूंगा
मैं तो लिखूंगा