मैं तेरे प्यार में ऊब रहा हूं
मैं तेरे प्यार से ऊब रहा हूं
करती हो नित रोज़ बहाना
यूं वादा करके देर से आना
पड़ता है हर रोज मनाना
मैं तेरे प्यार में डूब रहा हूं
पड़ते हैं मुझे नाज़ उठाने
बात-बात पर देती हो ताने
आगे की बस राम ही जाने
हद तक प्यार में डूब रहा हूं
बोलो ये कैसा इकरार तुम्हारा
कह दो कैसा है प्यार तुम्हारा
सुनो’विनोद’नहीं चलता चारा
मैं तो इस प्यार में डूब रहा हूं