मैं तुम्हे क्या दूँ
मैं तुम्हे क्या दूँ
मैं तूफ़ान के आगे नहीं दौड़ सकता
बहारों का रुख नहीं मोड़ सकता
झूठी तसल्ली नहीं दूंगा
मैं चाँद तारे नहीं तोड़ सकता
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ
मैं दिन-रात नहीं बदल सकता
लोगों के जज्बात नहीं बदल सकता
तड़पता हूँ,चीखता हूँ,चिल्लाता हूँ
मगर हालात नहीं बदल सकता
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ
अपने अरमान नहीं दे सकता
कोई एहसान नहीं दे सकता
बुरा मानो तो मान जाओ
मैं अपनी जान नहीं दे सकता
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ
मैं आम आदमी हूँ
हँसता हूँ,हंसाता हूँ
तुम्हारी ही तरह
दाल-रोटी खाता हूँ
उम्मीदों के फर्श पर
ख़्वाबों को ओढ़ता हूँ
अरमानों को बिछाता हूँ
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ
मेरे पास प्रेम है
सम्मान है
प्यार ,संस्कार और
मामूली सा ज्ञान है
कुछ नहीं है मेरे पास
बस मेरा भगवान है
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ
मैंने अपना सब कुछ
तुम पर वारा है
मेरा कुछ नहीं
जो है सब तुम्हारा है
फिर तुम्ही बताओ
मैं तुम्हे क्या दूँ