मैं तुमसे प्यार करता हूँ…
मैं तुमसे प्यार करता हूँ..
बेइंतहां बेहिसाब करता हूँ ।
तूने जो लौ जलाई है,
मुझमें हिम्मत जगाई है,
मैं था गबरू गाँव का,
प्यार की ABCD तूने ही सिखाई है ।…मैं तुमसे प्यार करता..
क़भी तूने खायीं थी कश्में,
निभाये थे वायदे-पे-वायदे,
मेरा भी कर लेती ऐतबार,
या गिन रही थी तू अपने फ़ायदे ।…..मैं तुमसे प्यार करता..
अब जो मुझको प्यार है,
क्यूँ तुझे इनकार है,
क्या मैं अब तुझे भाता नहीं,
फ़िर करती क्यूँ न इज़हार है ।….मैं तुमसे प्यार करता..
दुआ है मौला से मेरी,
तुझे न क़भी रंज-ओ-ग़म आये,
मुझे तू यूँ भुला देना,
जैसे गलती से टकराये ।…मैं तुमसे प्यार करता…