मैं तुझसे दूर ।
मैं तुझसे दूर कभी नही होना चाहता
लेकिन तुम जो गयी हो दूर यहाँ से
मुझें मालूम है जा न सकोगी
क्योंकि तुम चल नही पाती हो अकेले
सुनसान से रास्तों में
सुनसान इसलिए भी कहा क्योंकि
तुमनें ही कहा था कभी की ये दुनिया
तुम्हारे बिना मुझें सुनसान सा दिखता है ।
तुम वापस आओगे उसी रास्ते पर
जिस रास्ते पर आख़िरी बार तुमनें कहा था
बहुत प्यार करती हूं तुमसे
और मैंने सिर्फ़ मुस्कुरा कर
तुम्हें अलविदा कहा था ।
तुम आज भी खुले बाल ही रखती होगी
क्योंकि मेरी पसंद तुम्हें बेहद पसंद थी
जब तुम लौटना तो अपने बालों को खुले रखना
ताकि मैं समझ सकू की प्यार अभी है
या सिर्फ़ यू ही दिखावे की मोहब्बत थी ।
और आख़िर तुम आना तो उसी रास्ते पर आना
जहा हम दोनों एक दूसरे से जुदा हुए थे
और तुम वो झुमके लगाना मत भूलना
जो हमें बहुत पसंद थी ।
तुम कभी भी लौटना तो तुम्हें वही दिख जाऊंगा
उसी रास्ते पर सिर्फ़ तुम्हारे लिए ।
-हसीब अनवर