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15 May 2024 · 1 min read

मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।

मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
मैं आलसी, बेबस मानुष हूँ।।

मैं खुश को ना:खुश कर भी दूँ,
मैं पाक़ नहीं, मृगतृष्णा हूँ,
मैं सोचता हूँ, मैं मानुष हूँ।
क्यूँ सोचता हूँ, मैं मानुष हूँ।।

Language: Hindi
2 Likes · 35 Views
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