मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
हर काम तेरे नाम पर, और बन्दगी तेरे लिए।
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए।।
हर काम तेरे नाम पर————————।।
वो वेद, रामायण, महाभारत किसकी शान है।
हाँ, राम, कृष्ण, नानक, रहीम, तेरी ही तो आन है।।
गीता के जो उपदेश है, वो जान है तेरे लिए।
हर काम तेरे नाम पर————————।।
तेरे लिए ही तो हुआ, संग्राम सन सत्तावन का।
फिरंगियों का भगाने का, आह्वान था जन जन का।।
तात्या टोपे, मंगल पांडेय, रानी लक्ष्मी है कुर्बान हुए लिए।
हर काम तेरे नाम पर————————।।
तेरी तुड़ाने बेड़ियां, लम्बा चला संघर्ष फिर।
लोगों ने दी कुर्बानियां, लहराया तिरंगा फिर।।
आजाद, भगत सिंह, रामप्रसाद, फांसी चढ़े किसके लिए।
हर काम तेरे नाम पर————————।।
तेरी वहाँ सरहद पर, जो है तेरी रक्षा में खड़े।
बहा रहे हैं खूं अपना, किसी संकट में तू ना पड़े।।
करता हूँ नमन उन शहीदों को, वो अमर रहे सदा के लिए।
हर काम तेरे नाम पर————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)