मैं जिन्दगी
मैं जिन्दगी के कुछ मसले हल
करना चाहता हूँ।
मैं जिन्दगी के बीते हुये पल
फिर से जीना चाहता हूँ।
फासले कितने भी हो
मैं उन्हे दूर करना चाहता हूँ।
नजदीकिया थी ही कब
मैं तो गीले- शिकवे दूर करना चाहता हूँ।
वो अपना था ही कब
मैं जिसे अपना बनाना चाहता हूँ।
यहा कोई नही अपना
मैं तो सिर्फ खुद को आइना दिखाना चाहता हूँ।
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* Swami ganganiya *