मैं जा रहा हूँ साथ तेरा छोड़कर
मैं जा रहा हूँ , साथ तेरा छोड़कर।
तेरी गली और घर तेरा छोड़कर।।
होगा नहीं अब ,अपना मिलन फिर।
मैं जा रहा हूँ , शहर तेरा छोड़कर।।
मैं जा रहा हूँ———————–।।
कोई शिकायत, मुझसे अगर हो।
कह दो, खता जो मुझसे हुई हो।।
दिल में दबाकर, रखो नहीं बात कोई।
बता दो मुझको, शर्म तुम छोड़कर।।
मैं जा रहा हूँ————————।।
क्या मैं दुहा दूँ , इस पल तुमको।
रखें खुश खुदा, हरपल यार तुमको।।
मेरे बाद भी हमेशा, आबाद रहे तुम।
जा रहा हूँ तेरे लिए, वसीहत छोड़कर।।
मैं जा रहा हूँ————————-।।
बहाना नहीं तुम , कभी ऑंसू अपने।
करना नहीं तुम , रुसवां अपने सपनें।।
रहे गुलजार हमेशा, तेरा यह गुलशन।
जा रहा हूँ महकी, फिजा यह छोड़कर।।
मैं जा रहा हूँ—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)