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5 Jun 2023 · 1 min read

मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।

मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
तू अब्र बन के बरसता सदा है मेरे लिए।
गुज़र ही जाएगी ज़ीस्त ‘नीलम’ मस्ती से
कन्हैया कर्म का सिलसिला है मेरे लिए।
नीलम शर्मा ✍️💕

1 Like · 488 Views
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