मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
तू अब्र बन के बरसता सदा है मेरे लिए।
गुज़र ही जाएगी ज़ीस्त ‘नीलम’ मस्ती से
कन्हैया कर्म का सिलसिला है मेरे लिए।
नीलम शर्मा ✍️💕
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
तू अब्र बन के बरसता सदा है मेरे लिए।
गुज़र ही जाएगी ज़ीस्त ‘नीलम’ मस्ती से
कन्हैया कर्म का सिलसिला है मेरे लिए।
नीलम शर्मा ✍️💕