मैं जलता हुआ चराग़ हूं …!
मैं जलता हुआ चराग़ हूँ…बुझाया ना करो ।
मेरी हर कमियां तुम कभी बताया ना करो ।
वो क्या समझेंगे मुझे जो खुद को भी ना समझ पाए ,
जिंदगी ऐसी ही होती है इसे कभी जायां ना करो ।
तुम लाख कोशिशे कर लो मुझे गिराने की ,
इंसान हो ना ,तो ऐसे सताया ना करो ।
मैं आजकल अकसर शायद उदास रहता हूं ,
तुम आकर यू मुझे हँसाया ना करो ।
अब तो नींद भी आती नही रात भर ,
मेरी ख़्वाबो में भी इजाजत के बिना आया ना करो ।
मुझसे दूर जाना चाहते हो तो चले जाओ बेशक़
यू मेरे दिल मे आग लगाया ना करो ।
हा मुझपे मेहरबानियां है अगर तुम्हारी ,
ये इधर उधर तुम जताया ना करो ।
मेरे नाम की मेहंदी लगा रखी हो हांथो में ,
वक़्त बे वक़्त इसे मिटाया ना करो ।
हमें अब सोने दो ज़रा हम ख़्वाबों में मशगूल है ,
इस तरह हमें नींदों से तुम जगाया ना करो ।
✍?हसीब अनवर