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12 May 2024 · 1 min read

मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से

मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से
तुझे ऐ माँ लिखा है मैंने एक ताज़ा नज़म जैसा

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