मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से तुझे ऐ माँ लिखा है मैंने एक ताज़ा नज़म जैसा