मैं कौन हूँ..?
मैं कौन हूँ..? 【दोहे】
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पाँच तत्व से है बना, मेरा सुन्दर रूप ।
मैं तो हूँ एक आत्मा, बिंदी ज्योति स्वरूप।।
नाम मेरा है शिवपिया, दिया प्रभू ने आन।
कुछ प्रतिभा माही कहें, कुछ मुझसे अनजान।।
मेरे तो हैं शिव सदा, दूसरों ना कोई।
ज्योति स्वरूपा बिन्दु जो, मेरो तो बस वोई।।
रब मिला और गुरु मिला, मिला अनौखा प्यार।
मैं तो गद गद हो गयी, स्वप्न हुआ साकार ।।
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’