*मैं किसान हूँ : श्री रमेश कुमार जैन से काव्य पाठ का आनंद*
मैं किसान हूँ : श्री रमेश कुमार जैन से काव्य पाठ का आनंद
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श्री रमेश कुमार जैन जहाँ एक ओर इतिहासकार के रूप में प्राचीन रामपुर के रहस्यों को उजागर करने में लगे रहते हैं तथा अपनी अध्ययन शीलता से इतिहास के विस्मृत प्रष्ठों को प्रकाश में लाने का काम करते हैं , वहीं दूसरी ओर आपका कवि हृदय अनेकानेक विषयों पर अपनी लेखनी चलाता रहता है। अभी कुछ समय पहले आपने एक कविता मैं किसान हूँ शीर्षक से किसानों के संबंध में लिखी। इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए तीन ऐतिहासिक कानून बनाए जाने को समर्थन दिया गया है। आज मेरी दुकान पर मुझे आपके श्रीमुख से मैं किसान हूँ कविता सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । कविता के चौथे खंड में आपने एक किसान के रूप में अपने तथा देश भर के किसानों के मनोभावों को इन शब्दों में अभिव्यक्त किया है :-
मैं जब चाहूँ
जहाँ चाहूँ
जैसे चाहूँ
जिस मूल्य पर चाहूँ
उगाया सोना बेच सकता हूँ।
कविता में किसान के परिश्रम तथा उसकी अभिलाषाओं को स्वर दिया गया है। अंत में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को किसानों के संरक्षक के रूप में स्वीकार करते हुए किसानों को समृद्धि की ओर ले जाने की कामना व्यक्त की गई है।
बातचीत में श्री रमेश कुमार जैन ने किसानों के पक्ष में बनाए गए कानूनों की प्रशंसा की और कहा कि किसानों को अब पूरे देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने का अधिकार है ।
रमेश कुमार जैन साहब का आम का विशाल बाग आनंद वाटिका के नाम से बरेली रोड,रामपुर पर है । आगापुर(रामपुर) में बड़ा खेत है जहाँ गेहूँ की खेती होती है।
परिश्रमी श्री रमेश कुमार जैन साहब जाड़ों के मौसम में भी सुबह पाँच बजे उठ जाते हैं , नहाते हैं और उसके बाद स्कूटर पर बैठ कर खेत की ओर निकल जाते हैं । लौट कर आते हैं तो दस बज जाते हैं । आपकी कविता मैं किसान हूँ वास्तव में आपके परिश्रमी तथा जमीन से जुड़े हुए मानस की उपज है । बधाई श्री रमेश कुमार जैन जी
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451