Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 1 min read

!! मैं कातिल नहीं हूं। !!

!! मैं कातिल नहीं हूं। !!
”””””””””””””’
मेरी नजरें कातिल हो सकती है पर मैं कातिल नहीं हूं समझों।
मेरी बातें बुरी लग सकती है पर मैं बुरा नहीं हूं समझों।।
एक आईना से तुम क्या अपेक्षा रखते हो?
अरे उसे जो दिखेगा वही ना दिखाएगा।
किसी को काला से गोरा,
गोरा से काला तो नहीं ना बनाएगा।।
उस एक आईना को तोड़कर तुम क्या चाहते हो?
कि उसे विखंडित कर दूंगा।
तो यह तुम्हारे भूल है,
क्योंकि जब तुम एक आईने से इतने परेशान हो।
तो समझो कि एक आईना सौ टुकड़ों में टुटकर भी,
वहीं दिखाएगा जो उसे दिखता है।

@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
" दरपन "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा भारत जिंदाबाद
मेरा भारत जिंदाबाद
Satish Srijan
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
The_dk_poetry
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
पूर्वार्थ
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गोपाल हूं मैं, काल भी
गोपाल हूं मैं, काल भी
Saransh Singh 'Priyam'
सब कुछ हार जाओ आप इस जिंदगी में।
सब कुछ हार जाओ आप इस जिंदगी में।
Rj Anand Prajapati
दीवानों की चाल है
दीवानों की चाल है
Pratibha Pandey
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
monalisa
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
You never come
You never come
VINOD CHAUHAN
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
Ram
Ram
Sanjay ' शून्य'
दीवार
दीवार
अखिलेश 'अखिल'
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
മയിൽപ്പീലി-
മയിൽപ്പീലി-
Heera S
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
Loading...