“मैं कवि हूँ”
प्रवीण कि कलम से…..
“मैं कवि हूँ”
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प्रेरणास्त्रोत गुरूवर कवि दादू प्रजापति जी ,,,
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मैं कवि हूँ
कविताएँ लिखता हूँ
क्या मैं जानता हूँ
“””””””
ये कविता है क्या ?
“”””””””,,,,,,,,,,
फिर गहन चिंतन किया,,गुरूवर से मिला,,
फिर इस पर गहन मंथन किया पर क्या है,,
इसका अर्थ ना मिला,,फिर दिलने कुछ कहा,
कविताओं के जितने अर्थ निकालो निकलते रहेंगे,,
इसी प्रकार कुछ अर्थ आज निकलें है,,जो आज आप सभी के साथ सांझा कर रहा हूँ,,
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कुछ शब्दों की लय
कुछ शब्दों का जाल
थोड़े से मन के भाव
थोड़े से शब्दों का खजाना
एक छोटा सा पंथ
एक छोटी सी प्रेरणा
एक कहानी
खुशियाँ बिखेरने वाली
दुखों को समेटने वाली
मन को भाने वाली
दिल छेद जाने वाली
न दिखावटी
न बनावटी
किसी का दुख
किसी का सुख
किसी की नींद
किसी का चैन
जीवन का दर्पण
जीवन का उजाला
जीवन का सार
अपनों का प्यार
है एक कविता
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✒ कवि प्रवीण प्रजापति “प्रखर”