Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2018 · 1 min read

मैं कविता बनाता हूँ


मैं कविता बनाता हूँ,
लिखता नहीं सजाता हूँ;
भावों से, विचारों से
सद्बुद्धि से;
निर्मोही हो अलगाता हूँ।
ख़ुद से जुदा कर,
स्वयं पर इठलाता हूँ;
मैं कविता, बनाता हूँ।

एक, कविता में झोंक,
अपनी सारी मनोवृत्तियाँ,
सारी सामर्थ्य समर्पित कर,
दुखी इस बात से कि,
अब कविता कैसे बनाऊँगा?
किसी नज़्म को कैसे जिलाऊँगा?
त्रस्त, बेकार,
रुख़सत होती मेरी साँसें
बस थमने को ही होती हैं;
कि,
एक नई कृति का प्रादुर्भाव होता है।

एक नई साँस, नूतन जज़्बात
नवोदित शब्द कोंपलें,
मेरे मन पुष्प के पंखुड़ियाँँ को,
हल्के से हलकाती हैं,
और एक नवोद्भावित कविता बन जाती है।
…“निश्छल”

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
बच्चों ने वसीयत देखी।
बच्चों ने वसीयत देखी।
सत्य कुमार प्रेमी
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
अबूजा और शिक्षा
अबूजा और शिक्षा
Shashi Mahajan
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
*कल की तस्वीर है*
*कल की तस्वीर है*
Mahetaru madhukar
जीवन छोटा सा कविता
जीवन छोटा सा कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
4499.*पूर्णिका*
4499.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
“उलझे हुये फेसबूक”
“उलझे हुये फेसबूक”
DrLakshman Jha Parimal
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
कुछ तो रम्ज़ है तेरी यादें ज़ेहन से नहीं जाती,
कुछ तो रम्ज़ है तेरी यादें ज़ेहन से नहीं जाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मिस कॉल"
Dr. Kishan tandon kranti
गांधी का अवतरण नहीं होता 
गांधी का अवतरण नहीं होता 
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🙏
🙏
Neelam Sharma
■ सकारात्मक तिथि विश्लेषण।।
■ सकारात्मक तिथि विश्लेषण।।
*प्रणय प्रभात*
जो भूल गये हैं
जो भूल गये हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
"हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व"
Ajit Kumar "Karn"
Loading...