मैं कविता करूँ, तू हँसता रह…
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मैं कविता करूँ
तू हँसता रह…..
?
मेरी कोई भी
गलती पर बेझिझक
तू टोकता रह….
?
मुद्तों से बैठकर
मुझ में मुझे
तू सुनता रह….
?
रूठ जाऊँ जो
कभी तो मुझे
तू मनाता रह….
?
थामकर हाथ मेरा
कदम – से – कदम
तू मिलाता चल….
?
तेरे शिवाय कोई
मेरा अपना नहीं
साथ देना मेरा
तू जिन्दगी भर…..
?
छोड़ कर अकेला
ना जायेगा कभी
बस मुझसे इतना
तू वादा कर…….
????—लक्ष्मी सिंह??