Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2020 · 1 min read

मैं और मेरी तन्हाई

मैं व्यर्थ यूँ ही दौड़ती रही
अनजानों की भीड़ में
समझकर बेगानों को अपना
आँख खुली जब उलझ गयीं
अंतर्मन की पीड़ा सस्वर
बंधनों से निस्तारण में ।

वाचन और वचन में बंधकर
खुद को भी जब भूल गयी
सहसा लगे एक तीर से छलकर
बदल गया स्वर भी करुणा क्रंदन में ।

आँखों के आँसू मन के भाव
जाने कोई क्यों न समझ पाता
किसको समझाऊँ व्यथा मैं
अपनी सभी घिरे हैं अल छल में ।

खुशबू से महका जब भी मन
लगता था हाथ कोई बढ़ायेगा
टूटे हुए फूलों को जैसे आकर
कोई गजरे में अपने सजायेगा ।

भीग गया जब बाल सुलभ मन
द्रवित हुआ जैसे फिर से सावन
बूँदों से मन भी आनंदित हो गया
बिखर गए अकिंचन खुशियों के पल
बाँधकर जैसे अद्भुत सम्मोहन में।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 395 Views

You may also like these posts

यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
Umender kumar
एक गरिमामय व्यक्तित्व के लिए
एक गरिमामय व्यक्तित्व के लिए
Seema Verma
दादी
दादी
Shailendra Aseem
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
Rj Anand Prajapati
" हिम्मत "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी #आज_सुबह_की_कमाई ....😊
मेरी #आज_सुबह_की_कमाई ....😊
करन ''केसरा''
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
पंकज परिंदा
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
काम है
काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
sushil yadav
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
" रागी "जी
राधेश्याम "रागी"
"सतगुरु देव जी से प्रार्थना"......💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शेर शिवा
शेर शिवा
Jalaj Dwivedi
पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
यह भावनात्मक स्थिति और परस्पर समझ को केंद्रित करते हुए एक गज
यह भावनात्मक स्थिति और परस्पर समझ को केंद्रित करते हुए एक गज
पूर्वार्थ
इतना रोए कि याद में तेरी
इतना रोए कि याद में तेरी
Dr fauzia Naseem shad
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
Dr Mukesh 'Aseemit'
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
प्रभा प्रभु की
प्रभा प्रभु की
DR ARUN KUMAR SHASTRI
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुढापा आया है ,
बुढापा आया है ,
Buddha Prakash
"ज्ञान"
Aarti sirsat
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
गीत
गीत
Rambali Mishra
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
शेखर सिंह
Loading...