Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2020 · 1 min read

मैं एक मजदूर हूँ

मैं एक मजदूर हूँ।
रोटी कमाने खातिर,
घर से अपने दूर हूँ।
नसीब नहीं सुख की नींदे,
हालत से मजबूर हूँ।
चाहे कोई काम कराना,
हर काम में मशहूर हूँ।
दिन-रात की काम से,
थकान से मैं चूर हूँ।
मिटती नहीं मेरी दुश्वारियाँ,
मैं एक ऐसा नासूर हूँ।
मालिक की नजरों में हरदम,
शक से भरपूर हूँ।
गलती नहीं मेरी कोई,
कौन बताए बेकसूर हूँ।
मैं एक मजदूर हूँ।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
2795. *पूर्णिका*
2795. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
कोई बात नहीं देर से आए,
कोई बात नहीं देर से आए,
Buddha Prakash
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ
*तू कौन*
*तू कौन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
उम्र पैंतालीस
उम्र पैंतालीस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ख़ुश रहना है
ख़ुश रहना है
Monika Arora
काश तुम आती मेरी ख़्वाबों में,
काश तुम आती मेरी ख़्वाबों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपना अपना कर्म
अपना अपना कर्म
Mangilal 713
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सोच समझ कर
सोच समझ कर
पूर्वार्थ
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
प्रेम की बंसी बजे
प्रेम की बंसी बजे
DrLakshman Jha Parimal
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
Shubham Pandey (S P)
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
वो इँसा...
वो इँसा...
'अशांत' शेखर
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ
दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर फ़साद की जड़
हर फ़साद की जड़
*प्रणय प्रभात*
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...